नमक और शक्कर (बोधकथा)

एक घर में सास और बहु दोनों बहुत प्यार से रहती थीं। एक बार उनके घर में कोई मेहमान आया। सास उससे बात कर रही थी। बहु ने सास को मेहमान से यह कहते सुना कि बेटी शक्कर की तरह होती है, बहु नमक की तरह। यह सुनकर बहु को बहुत बुरा लगा और दुख भी हुआ। वह अपनी सास को बहुत प्यार करती थी लेकिन सास की बात सुनकर वह उदास रहने लगी। सास ने देखा कि उसकी बहु आजकल कुछ उदास-सी रहती है, तो उसने उसे अपने पास बुलाया और प्यार से उसकी उदासी का कारण पूछा, तो बहु रो पड़ी और जो सुना था वह बताया। 
 सांस हंसते हुए बोली, अच्छा तो ये बात है। लेकिन तुम उस बात का मतलब नहीं समझी और अलग अर्थ लगा लिया। उस बात का मतलब है कि बेटी हमेशा शक्कर की तरह होती है, जो हर हाल में मीठी लगती है, जबकि बहु नमक की तरह होती हैं, जिसका कर्ज नहीं चुकाया जा सकता। और जिसके बिना हर चीज बेस्वाद हो जाती है और घर की इज्जत बहु से ही तो है।