कछुआ वास्तुदोष को कम करता है तथा वातावरण को समृद्ध बनाता है। यह जहां पर होता हैं। वहां कई प्रकार के रोग-दोष एवं अशुभता स्वयं ही नष्ट हो जाते हैं।
फेंगशुई के अनुसार, कछुए के स्थापन एवं उपयोग से मानसिक शांति मिलती है। दीर्घायु प्राप्त होती है। धनसमृद्धि एवं लक्ष्मी की प्रसन्नता के लिए भी इसका उपयोग लाभकारी बताया गया है। कछुए को विष्णु का प्रतीक एवं सत्य, निष्ठा, शांति का प्रतीक माना जाता है। घर में वास्तुदोष निवारण के लिए इसे ईशान कोण में रखकर विष्णु मंत्र का जप करें। बौद्धिक कार्य करने वाले जातक इसे अपने सम्मुख रखें। वाहन में इसे रखने से जातक की रक्षा होती है। इसे घर में स्थापित करने से विखंडन, अलगाव, रोग, राहु-केतु पीड़ा से रक्षा होती है तथा मांगलिक व शुभ कार्यों में वृद्धि होती है।
पूजा विधि :-
कछुए को अपने घर में स्थापित करने से पूर्व इसकी विधि विधान से पूजा करलें और गुरुवार को चावल,हल्दी के साथ रखकर निम्न मंत्र का 108 बार जप करें।
मंत्र: ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।।