दूसरों से नहीं अपने से संघर्ष करें !

हम अपने जीवन में अक्सर कभी न कभी दूसरों से अवश्य लड़ते हैं। इस तरह कई बार बेमतलब की लड़ाई बड़ा रूप लेकर विनाश कर देती है। दूसरों से लड़ने में समय बर्बाद होता है। इससे कोई लाभ नहीं है। इसके विपरीत यदि आप खुद से लड़ाई लड़ें तो न केवल आपका व्यक्तित्व निखर उठेगा, बल्कि आपके अंदर आत्मविश्वास, धैर्य, सफलता और संघर्ष कई रंगों में जगमगाने लगेगा। जब व्यक्ति खुद से लड़ने का साहस जुटाता है तो वह अपने नकारात्मक कार्यों और भावों पर विजय प्राप्त कर लेता है। वहीं दूसरों से लड़ने में अधिकतर नकारात्मक भाव ही व्यक्तित्व पर हावी हो उठते हैं। इसके उलट स्वयं से लड़ने में व्यक्तित्व निखरता है। एक अफ्रीकी कहावत भी है कि अगर आप अपने भीतर के शत्रु को जीत लेते हैं तो बाहर का शत्रु आपको नुकसान पहुंचाने में सफल नहीं हो पायेगा।


यदि आप लोगों की परवाह किए बिना पूर्ण समर्पण के साथ अपने नये कार्यांे को पूरा करने में लगे रहते है तो आप इतिहास रच देते हैं। इसलिए आप अपनी रूचि के कार्याे में लगे रहें। लगातार मेहनत से कमजोर दिमाग भी हर बाधा पर विजय प्राप्त कर लेता है। बस लोगों के आरोप-प्रत्यारोपों को सुनकर उनसे लड़ने के बजाय खुद से लड़ने की तकनीक आजमाएं। सूर्य हमेशा चमकता है। कभी-कभी जब काले बादल उस पर छा जाते हैं तो हर ओर अंधकार छा जाता है, लेकिन उस समय सूर्य शांत रहता है और बादलों के छंटने का इंतजार करता है। बादलों के छंटते ही उसकी सोने जैसी रोशनी पूरे विश्व में छा जाती है। इसी तरह जब लोग आपका मजाक बनाए, आपकी असफलता पर हंसी उड़ाएं और आपको लड़ने के लिए प्रोत्साहित करें तो शांत रहकर अपनी प्रतिभा को निखारते रहें।


यह कार्य इतना मुश्किल भी नहीं होता, बस इसके लिए आपको दूसरों से नजरें हटाकर स्वयं पर लगातार नजरें रखनी होती हैं। लोगों के असफल होने का मुख्य कारण यही होता है कि वे अपनी असफलता और दोषों पर सुधार करने के बजाय दूसरे लोगों पर दोषारोपण कर उनसे लड़ने में अपनी शक्ति लगा देते हैं।


एंथनी राॅबिन्स कहते है कि आपका भाग्य आपके निर्णयों से निर्धारित होता है। इसलिए जीवन को अपने हिसाब से ढालने का प्रयत्न करें। दूसरों के अनुसार अपने जीवन को न जिएं।