अनेक रोगों की दवा है "हींग"


घाव यदि कुछ समय तक खुला रहे तो उसमें छोटे-छोटे कीड़े पड़ जाते हैं। उस पर हींग का चूर्ण डालने से ये कीड़े मर जाते हैं।


-हींग भूनकर गुड़ के साथ सेवन करने से दाद, खाज और खुजली में लाभ होता हैं।


-यदि शरीर के किसी हिस्से में कांटा लग गया हो तो उस स्थान पर हींग का घोल भर दें। कुछ समय में कांटा स्वतः बाहर निकल आएगा।


-यदि लगातार और काफी हिचकियां आ रही हैं तो हींग की कुछ समय धूनी लीजिए। हिचकियां रुक में जाएंगी।


-पेट के दर्द, अफारा और ऐंठन में अजवाइन और नमक के साथ हींग का सेवन करें, लाभ होगा।


-थोड़ी-सी भुनी हुई हींग रुई के फाहे में लपेट कर दाढ़ पर रखने से दाढ़ का दर्द कम हो जाता है।


-निमोनिया होने की दशा में गुनगुने गरम पानी में जरा-सी हींग घोलकर सेवन करने से लाभ होता है.


-अधिक खा लेने या कोई भारी चीज खा लेने से अफारा हो गया हो तो हींग को पीस कर उसमें काला नमक मिलाकर हल्के गरम पानी से सेवन करने से लाभ होगा।


- दांतों में कीड़ा लग जाने पर रात्रि को दांत में हींग दबा कर सोएं। कीड़ा खुद-ब-खुद निकल जाएगा।


-पेट में कीड़े हो जाने पर हींग को पानी में घोल कर एनिमा करने से पेट के कीड़े मरकर शीघ्र निकल जाते हैं.


-हींग में रोग प्रतिरोधक (एंटीसेप्टिक) गुण काफी अधिक होते हैं। दाद, खाज, खुजली व अन्य चर्म रोगों में इसे पानी में घिस कर उन स्थानों पर लगाने से आश्चर्यजनक लाभ होगा।