परीक्षा को 'तनाव' न बनायें !


तनाव एक ऐसा मानसिक रोग है, जिसके कारण प्रतिभाशाली छात्र भी अपनी पूरी प्रतिभा का सदुपयोग नहीं कर पाते और केवल औसत दर्जे का परिणाम ला पाते हैं। जबकि उनसे कम स्तर वाले उन्हीं के साथी कहीं बेहतर परिणाम ले आते हैं। आखिर अच्छा परिणाम लाने वाले भी इंसान ही होते हैं। ऐसा कोई कारण नहीं कि नह आप अच्छा परिणाम नहीं ला सकते। यहां कुछ सुझाव दिये गये हैं, जिन पर अमल कर अपेक्षा से बेहतर अंक पाए जा सकते हैं।


परीक्षा को हौव्वा न बनाएं-


कई छात्र और अभिभावक परीक्षा का हौव्वा बनाकर अनायास तनाव का शिकार बनते हैं। परीक्षा को सामान्य तौर पर ही लें, इसमें विद्यार्थी की वर्ष भर में विभिन्न विषयों की उसकी समझ को परखा जाता है। अगर वर्ष भर गंभीरता के साथ अध्ययन किया गया है तो मुख्य परीक्षा से पहले एक बार दुहरा लेने भर से समूचे विषय की याद ताजा हो जाएगी। जो बेहतर अंक लाने में सहयोगी रहेगा।


समय प्रबंधन-


समय प्रबंधन की कला सबको सीखनी चाहिए और विद्यार्थियों के लिए तो परीक्षाओं के समय और जरूरी हो जाता है। अगर परीक्षा के समय में पाठ्यक्रम को दुहराया नहीं जा सका तो कुछ जरूरी तथ्य मानस पटल से फिसल सकते हैं, जिसके कारण आपके जबाव की गंभीरता और सटीकता प्रभावित हो सकती है, जिससे परीक्षक अंक देने में कंजूसी बरत सकता है।


स्वास्थ्य प्रबंधन-


परीक्षा के समय में शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर पहले से अधिक ध्यान रखना चाहिए।अच्छी आदतें जैसे नहाना, साफ-सफाई और संतुलित भोजन पर ध्यान देना चाहिए। नींद पूरी लें, सोने के समय में कटौती न करें, बशर्ते कि आप बहुत ज्यादा न सोते हों। छह से आठ घंटे सोने के लिए पर्याप्त होते हैं।


अध्ययन सामग्री प्रबंधन-


अपने विषयों की अध्ययन सामग्री की व्यवस्था परीक्षा से पहले करके रखें। ऐन मौके पर सामग्री की तलाश में व इधर-उधर भटकाव में अपना समय व्यर्थ न करें, न ही किसी मित्र को परीक्षा के ठीक पहले अपने नोट्स उधार दें। अगर मित्रता ही निभानी है तो स्वयं फोटोस्टेट उसके साथ जाकर करवाएं। ऐसा करके किसी अप्रिय स्थिति और अनावश्यक तनाव से बचा जा सकता है। कहीं ऐसा न हो कि दूसरों की लापरवाही की कीमत आपको चुकानी पड़े।


मनोरंजन व मानसिक व्यायाम-


परीक्षा के चलते मनोरंजक पूर्ण गतिविधियों को कतई दरकिनार नहीं करना चाहिए। खेल, संगीत व अपनी अन्य हॉबी के लिए नियमित तौर पर समय निकालें। परीक्षाओं के चलते इनको पूरी तरह भुला देना ठीक नहीं है। इस समय आप मानसिक तौर पर अधिक मेहनत कर रहे होते हैं इसलिए सहज बने रहने के लिए मनोरंजन का खास ध्यान रखना चाहिए। अपनी खुराक का पूरा ख्याल रखें, भूखे पेट पढ़ना ठीक नहीं होता। ताजे फल, हरी सब्जियां, जूस और दूध को अपने मेनू में अवश्य शामिल करें।


परीक्षा हाल में रहें सावधान-


वहीं परीक्षा के प्रश्न पत्र को हल करने से पहले एक बार प्रश्न पत्र को पूरा पढ़ कर उसे अच्छी तरह समझ लें। अंकों के आधार पर अधिक महत्वपूर्ण और अच्छी तरह बनने वाले सवालों का जबाव पहले लिखना चाहिए। शब्द सीमा से अधिक लंबा उत्तर देने से बचना चाहिए। उत्तर लिखने में छोटे वाक्यों का प्रयोग करें जो कि आसानी से समझ में आ सकें। इससे भाषागत त्रुटि होने की संभावना काफी कम हो जाती है।


हल किये जा चुके प्रश्नों को प्रश्न पत्रों में चिन्हित कर लेना ठीक रहता है। इससे यह पता करने में सुविधा रहती है कि कितने प्रश्न पत्र हल कर लिये हैं और कितने किये जाने शेष हैं। उसके अलावा प्रत्येक प्रश्न के बाद घड़ी पर एक नजर डाल लेना चाहिए, जिससे बचे समय के अनुसार अपनी गति को व्यवस्थित किया जा सके।