खुदा का ज़िक्र करें या तुम्हारी बात करें........(इब्राहीम अश्क)


खुदा का ज़िक्र करें या तुम्हारी बात करें
हमें तो इश्क़ से मतलब किसी की बात करें

फ़रिश्ते तुम भी नहीं हो फ़रिश्ते हम भी नहीं
हम आदमी हैं तो फ़िर आदमी की बात करें

गुलों के रंग से खुश्बू से है ग़रज़ हमको
चमन को जाएँ तो कुछ ताज़गी की बात करें

तुम्हारी बज़्म में सब रिंद भी हैं शेख़ भी हैं,
पिये शराब भी नेकी बदी की बात करें

कदम कदम पे जहाँ मौत इंतिज़ार में है,
बड़ा मज़ा है अगर ज़िंदगी की बात करें।