दुबई। पीने के पानी की समस्या को दूर करने की दिशा में उम्मीद की नई किरण दिखी है। सऊदी अरब स्थित किंग अब्दुल्ला यूनिवर्सिटी आफ साइंस एंड टेक्नोलाॅजी के वैज्ञानिकों ने ऐसा उपकरण बनाने में सफलता हासिल की है जो हवा से पानी के कण एकत्र करने में सक्षम है। वैज्ञानिक इसे पीने का पानी का नया विकल्प मान रहे हैं।
एक अनुमान के मुताबिक, धरती पर बह रही हवा में करीब 13 लाख करोड़ टन पानी समाया हुआ है। वैज्ञानिक लम्बे समय से इस पानी को प्रयोग करने के तरीके पर काम कर रहे हैं। हवा से पानी के कण एकत्र करने के उपकरण की क्षमता या तो बहुत कम होती है या फिर इन पर आने वाला खर्च इन्हें अव्यावहारिक बना देता है। कुछ उपकरणों की जटिल संरचना के कारण उन्हें सामान्य परिस्थितियों में प्रयोग करना संभव नहीं रहता। इस नए उपकरण में इन सभी खामियों को दूर करने का दावा किया गया है। इसमें कैल्शियम क्लोराइड का इस्तेमाल किया गया है। जो सस्ता और टिकाऊ है। इसका कोई जहरीला प्रभाव भी नहीं होता है।
कैेसे आता है काम?:
यूनिवर्सिटी के शोधार्थी रेनयुआन ली ने बताया कि कैल्शियम क्लोराइड में पानी को सोखने की अद्भुत क्षमता होती है। यह हवा के सम्पर्क में आते ही उसमें से पानी के कणों को सोख लेता है। इस प्रक्रिया में सबसे बड़ी मुश्किल थी कि कैल्शियम क्लोराइड पानी के कण सोखकर उसमें घुल जाता है। इस परेशानी से पार पाने के लिए वैज्ञानिकों ने उसे खास हाइड्रोजेल में डुबा दिया। ऐसा करने से यह हवा से पानी के ज्यादा कण खींचता है और खुद ठोस बना रहता है। सोखे गये जल कणों को अलग करने और एकत्र कराने के लिए इसमें कार्बन नैनोट्यूब का इस्तेमाल किया जाता है।