ब्लड शुगर को नियंत्रित रखें !


डायबिटीज केवल उम्रदराज लोगों को ही अपना शिकार बनाती है, ऐसा मानना सही नहीं है। भारत में बड़ी तादाद में युवा लड़के-लड़कियों में भी ब्लड शुगर होने की शिकायत देखने में आ रही है, क्योंकि वे कई-कई घंटे टेबल पर बैठे रहकर काम करते हैं, या टीवी से चिपके रहते हैं, और आउटडोर शारीरिक कसरत या मेहनत करने से कतराते हैं। इसके अलावा उनका खानपान भी ठीक नहीं है। उनकी खुराक अक्सर फैट, शुगर, मैदा और फाइबर विहीन फास्ट-फूड से लैस होती है।


 
त्वचाः  हाई ब्लड शुगर से शरीर में तरल पदार्थों का ह्रास होता है जिससे त्वचा खुश्क हो जाती है। इससे हमेशा खुजली का अहसास होता है और कभी-कभी त्वचा लाल होकर फटने भी लगती है। इससे कीटाणुओं के संक्रमण की आशंका बन जाती है। ऐसे में पेय पदार्थों के सेवन और लोशन और मॉइश्चराइजर के इस्तेमाल से थोड़ी राहत मिल सकती है। 



रक्त प्रवाहः  हाई ब्लड शुगर से टांगें और पैर भी खराब हो सकते हैं। ऐसा रक्त प्रवाह में कमी आने के कारण होता है, क्योंकि पैरों पर ही पूरे शरीर का भार होता है। स्नायुतंत्र गड़बड़ा जाने के कारण पैरों में दर्द, सूजन और सर्द-गर्म का अहसास होने लगता है और पैर सुन्न हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में कांटा चुभने के समय पता ही नहीं चलता, लेकिन बाद में संक्रमण का गंभीर परिणाम भुगतना पड़ता है। इससे अल्सर, मैंग्रीन और टांग काटने की नौबत आ जाती है। रक्त प्रवाह की कमी से घाव भरने में परेशानी और अगर ऐसे में सिगरेट पीने की आदत हो, तो ब्लड प्रेशर और खून में शुगर बढ़ने की शिकायत हो जाती है ऐसे में ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने के साथ-साथ, बार-बार गुनगुने पानी सेे पैर धोने, और पांवों को किसी रगड़ , घाव या चोट से बचाव जरूरी हो जाता है।



नेत्र ज्योतिः  हाई ब्लड शुगर से आंखों की रोशनी धुंधली और कमजोर होने लगती है, और कई बार रोगी पूरी तरह से अंधा भी हो जाता है। शुगर से आंख का रेटिना प्रभावित होता है, जो देखी जाने वाली वस्तु की इमेज को आकार देता है। इसे डायबेटिक रेटिनोपैथी कहा जाता है। इस बीमारी में रेटिना को खून की आपूर्ति करने वाली नसें अवरुद्ध हो जाती हैं। ब्लड शुगर से रेटिनल सेल्स को रक्त वाहिनियों के जरिए होने वाली ऑक्सीजन की आपूर्ति में भी रुकावट आ जाती है। इससे ग्लुकोमा, मोतियाबिंद और अंधेपन का खतरा उत्पन्न हो जाता है। 



स्नायु तंत्रः  हाई ब्लड शुगर से पूरे शरीर में रक्त वाहिनियों पर विपरीत असर पड़ता है। दिल और पाचन तंत्र भी इससे अछूते नहीं रहते। स्नायु तंत्र कमजोर होने पर शरीर के किसी भी अंग तक पोषक तत्व और ऑक्सीजन की सप्लाई ठीक से नहीं हो पाती। हाथ पैर सुन्न हो जाना, अकड़ जाना और तेज दर्द उठना इसके मुख्य लक्षण हैं। ओस्टियोपोरोसिस और ओस्टियो अर्थराइटिस जैसी बीमारियां भी हो जाती हैं। हाई ब्लड शुगर से स्नायु तंत्र नष्ट होने लगता है और मोटापे के चलते मरीज की स्थिति और भी खराब हो जाती है। क्या इतना सब जान लेने के बाद भी आप ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने के प्रति बेपरवाह ही रहेंगे?