अलसी खाने में आलस क्यों?


विज्ञान की नई खोजों से पता चला है कि अलसी कई रोगों और सामान्य स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी है।
सुपरफूड कहे जाने वाली अलसी के फायदे अंदरूनी नहीं बाहरी भी हैं। अलसी में ओमेगा-3, विटामिन-बी, और एंटीआक्सीडेंटस भरपूर मात्रा में होता है।
अलसी में बड़ी मात्रा मेें फाइबर होता है। इसका नियमित सेवन करने से कब्ज और पाचन से जुड़ी अन्य समस्याओं से निजात मिलती है। सलाद में एक से दो बड़े चम्मच अलसी मिलाकर खाएं। अलसी में घुलनसीन और अघुलनसील फाइबर होते हैं, जो पाचन प्रक्रिया को सुचारू ढ़ंग से चलाकर वजन घटाने में मदद करते हैं।
अलसी में विटामिन-बी होता है, जो त्वचा की समस्याओं से लड़ने में मदद करता है। इसमें एक्जिमा और रूखी त्वचा जैसी समस्या को दूर करने की क्षमता भी होती है। प्रतिदिन एक से दो चम्मच अलसी को अपनी डायट में शामिल करने से त्वचा सेहतमंद होती है। अलसी के तेेल का इस्तेमाल खाने के साथ त्वचा पर लगाने के लिए भी किया जा सकता है।
नियमित रूप से अलसी का सेवन करने से आपके बाल मुलायम और मजबूत होते हैं। अलसी बालों का पोषण प्रदान करती है, जिसमें बालों को झड़ना कम होता है। अलसी के तेल को बालों पर लगाने से रूसी की समस्या से भी निजात मिलती है।
ओमेगा-3 फैटी एसिड हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में सहायक होते हैं। यह सबसे अधिक मात्रा में समुद्री मछलियों से प्राप्त होता है, लेकिन शाकाहारी लोग पर्याप्त मात्रा में अलसी का सेवन करके इसके लाभ प्राप्त कर सकते हैं। अलसी दिल को भी स्वस्थ रखती है।
गर्भवती स्त्रियों और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को अलसी का सेवन अवश्य करना चाहिए। आज भी शहरों और कस्बों के कई परिवारों में ऐसी स्त्रियां को अलसी के बने लडडू और अन्य भोज्य पदार्थ दिए जाते हैं।
अलसी के बीज का उपयोग खानपान में मेसोपोटामिया सभ्यता काल से हो रहा है। भारत में भी यह आयुवेंदिक उपचारों और भोज्य पदार्थ बनाने में प्रयुक्त होता है। (ब्यूरो)