आजमाइश के बाद ही नीलम धारण करें !


नीलम दिखने में नीला, चमकीला, चिकना एवं मोरपंख के वर्ण जैसा नीली किरणों से युक्त एवं पारदर्शी होता है। त्रिकोण कांच से देखने पर यह बैंगनी रंग का प्रतीत होता है। नीला रंग जल तत्व का प्रतीक है। अत: नीलम भी जल तत्व अर्थात ठंडक का प्रतीक है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार नीलम मकर व कुंभ राशि के स्वामी शनि ग्रह का रत्न है। वृष व मिथुन राशि के जातकों का भाग्य रत्न है। अतः इन राशि व लगन के जातक एवं अन्य सभी राशियों के जातकों को अपने ग्रह दशा एवं अपनी कुंडली के ग्रहों की परिस्थितियों के अनुसार किसी अच्छे ज्योतिषी से परामर्श लेकर शनिवार के दिन माध्यमा अंगुली में चांदी की अंगूठी में धारण करना चाहिए।


नीलम का सहायक रत्न पन्ना, गोमेद, शनि के मित्र ग्रह बुध एवं राह के रत्न नीलम के साथ धारण करने पर नीलम का असर होने पर सुहागा का काम करता है। कुछ परिस्थितियों में नीलम के साथ हीरा या ओपल पहना जाता है। नीलम के साथ पीला पुखराज, मूंगा, मणिक, मोती नहीं पहनना चाहिए। नीलम धारण करने से पूर्व नीलम की आजमाइश लेकर ही पहनें जैसे नीलम को रात में काले कपड़े में बांधकर सोएं या तकिए के नीचे रखकर सोएं, रात को बुरे सपने आएं तो नीलम न पहनें। मनोवैज्ञानिक रूप से भ्रमित होने की कोई आवश्यकता नहीं है। नीलम का रंग नीला व शनि का रंग काला है। इसलिए नीलम धारण करने के साथ ही अपने इर्दगिर्द काले, नीले, सलेटी रंग का प्रयोग करना चाहिए। इसी रंग के कपड़े पहनने चाहिए। अपनी कार, गाड़ी आदि भी इसी रंग की लेनी चाहिए।