संस्कृत भाषा के 23 आश्चर्यजनक तथ्य!

 
मित्रों!! संस्कृत विश्व की सबसे प्राचीन भाषा है, क्योंकि इस भाषा में लिखा गया विश्व का सबसे पुराना ग्रन्थ ऋग्वेद लगभग 2500 ई0 पू0 का है। इसलिए इस भाषा को विश्व की सबसे प्राचीन भाषा कहा जाना गलत नहीं होगा, एक संस्कारित भाषा होने के कारण इसका नाम संस्कृत पड़ा। संस्कृत भाषा को संस्कारित करने में महर्षि पाणिनी, महर्षि कात्यायन, महर्षि पतंजलि का विशेष योगदान था, इन तीनों महर्षियों ने बड़ी कुशलता से योग की क्रियाओं को भाषा में समाविष्ट किया, यही इस भाषा का रहस्य है।


साथियों! जानिए! आखिर संस्कृत विश्व की सर्वश्रेष्ठ भाषा क्यों है- 
-विश्व की सभी भाषाओं में एक शब्द के समानार्थी यानि सिनोनियमस एक या कुछ ही होते हैं, जैसे अंग्रेजी में बोल्ड bold के लिए फियरलेस fearless, डेरिंग daring, क्रेजियस्ट courageous आदि शब्द हैं, जबकि संस्कृत में प्रत्येक शब्दों के इस प्रकार के कम से कम 25 समानार्थी या सिनोनियमस होते हैं, संस्कृत में केवल हाथी शब्द के लिए ही 100 शब्द हैं। 
-वर्तमान समय में संस्कृत भाषा के शब्दकोष में 102 अरब 78 करोड़ 50 लाख से ज्यादा शब्द हैं, जो किसी भी अन्य भाषा के मुकाबले बहुत अधिक हैं।
-विश्व की 97 प्रतिशत भाषाएं प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संस्कृत से प्रभावित हैं। 
-सभी भाषाओं  में एकवचन व बहुवचन होते हैं परन्तु संस्कृत में द्विवचन भी होता है।
-संस्कृत ही एकमात्र ऐसी भाषा है जिसका नामकरण उसके बोलने वालों के नाम पर नहीं किया गया।
-संस्कृत भाषा को लिखने व पढ़ने से उंगलियां और जीभ लचीली होती हैं।
-संस्कृत एकलौती ऐसी भाषा है, जिसमें जीभ की सभी मांसपेशियों का उपयोग होता है।
-किसी ओर भाषा के मुकाबले संस्कृत में सबसे कम शब्दों में वाक्य पूरा हो जाता है।
-एक शोध से पता चला है कि संस्कृत भाषा एकाग्रता बढाती है, इसे सीखने वाला गणित व साइंस के विषयों को भी आसानी से सीख लेता है।
-अमेरिकी हिन्दू यूनिवर्सिटी के अनुसार संस्कृत में बात करने वाला मधुमेह, बीपी व कोलस्ट्राल आदि रोगों से मुक्त हो सकता है।
-जर्मन में 14 विश्वविधालयों में संस्कृत पढ़ायी जाती है, उसके बावजूद वहां पर संस्कृत शिक्षकों की काफी डिमाण्ड है।
-वैज्ञानिकों ने संस्कृत को कम्प्यूटर के लिए सबसे फ्रेडली भाषा माना है।
-1987 में अमेरिकी की फोर्ब्स पत्रिका के अनुसार संस्कृत कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग के लिए सबसे अच्छी भाषा है, क्योंकि इसकी व्याकरण, कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग भाषा से मिलती जुलती है।
-एलगोरिथम यानि कम्प्यूटर द्वारा गणित के सवालों को हल करने की विधि संस्कृत में ही बनी है ना कि अंग्रेजी में।
-नासा 6जी और 7जी जेनरेशन के ऐसे कम्प्यूटर बना रहा है जो कि संस्कृत भाषा पर आधारित हांगे, ये कम्प्यूटर 2034 तक बनकर तैयार हो जायेंगे।
-संस्कृत में किसी वाक्य में शब्दों को आगे पीछे रखने से उसके अर्थ का अनर्थ होने की बहुत मामूली या फिर कोई संभावना नहीं होती, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि सभी शब्द विभक्ति और वचन के अनुसार होते हैं। जैसे अहमं गृहं गच्छामि या गच्छामि गृहं अहं दोनों ही ठीक हैं।
-नासा के वैज्ञानिकों के अनुसार जब वो अंतरिक्ष ट्रेवर्ल्स को मैसेज भेजते थे, तो वाक्य उलट जाते थे, इस कारण मैसेज का अर्थ ही बदल जाता था, हमने कई भाषाओं का प्रयोग किया परन्तु हमें यही समस्या आयी, अंत में हमने संस्कृत भाषा में मैसेज भेजा, हमें सफलता मिल गयी, क्योंकि संस्कृत भाषा में वाक्य उलट जाने पर भी अपना अर्थ नहीं बदलते।
-कर्नाटक के मुत्तुर गांव के लोग केवल संस्कृत में ही बात करते हैं। दूसरे शब्दों में हम कहें तो यहां के बच्चे, बुढे़ और यहां तक कि अनपढ़ भी संस्कृत में ही बातें करते हैं।
-सुधर्मा संस्कृत का पहला अखबार था, जो 1970 में प्रारम्भ हुआ, आज भी इसका ऑन लाइन संस्करण उपलब्ध है, यदि आप इसे पढ़ना चाहे तो इसका लिन्क आपको डिस्क्रीपशन में मिल जायेगा।
-संस्कृत भाषा का अधिकतर साहित्य पद्य यानि पोयट्री में रचा गया है, जबकि अन्य भाषाओं का अधिकतर साहित्य गद्य यानि प्रोज में पाया जाता है।
-एक जानकारी के अनुसार नासा के पास संस्कृत में लिखी गयी 60 हजार पाडुलिपियां हैं जिन पर वो रिसर्च कर रहा है।
-2001 में संस्कृत बोलने वालों की संख्या केवल 14135 थी।
-संस्कृत उत्तराखण्ड राज्य की अधिकारिक भाषा है।
इन सभी तथ्यों के आधार पर हम कह सकते हैं कि संस्कृत विश्व की सबसे पूर्ण परफेक्ट व तर्कसम्मत भाषा है। यदि आपको संस्कृत की कुछ और विशेषताओं के बारे में जानकारी हो तो कमैंटस करके जरूर बतायें ताकि सभी को उनके बारे में जानकारी मिल सकें
-लेखक-संजय कुमार गर्ग