संकल्प शक्ति की गुप्त चमत्कारिक साधना


प्रिय मित्रों!! हमारे मन में प्रतिदिन अनेक संकल्प व विकल्प बनते और बिगडते रहते हैं, दिन भर में न जाने हम कितने संकल्प लेते हैं और थोड़ी ही देर में उस संकल्प का विकल्प ढुंढ कर उसे तोड़ देते हैं, रोज सोचते हैं आज से हम मॉनिंग वाक पर जायेगे, आज से जिम जायेंगे, आज से ध्यान करेगें, आज से चाय-काफी का सेवन कम कर देगे, परन्तु कुछ ही देर या दिनों बाद हमारा संकल्प ताश के महल की तरह बिखर जाता है, और हम अपने उसी रोजमर्रा के ढर्रे पर लग जाते हैं जिस पर हमारा मन लगना चाहता है। साथियों! आप जानते हैं ये किस कारण होता है?  ये हमारी कमजोर इच्छा शक्ति या विल पावर के कारण होता है। जिस कारण हम एक ही संकल्प को ज्यादा समय तक अपने अन्दर धारण नहीं कर पाते।


मित्रों!! नमस्कार! मैं संजय कुमार गर्ग एक नये आलेख के साथ नवलेखा में आपका स्वागत करता हूं। मित्रों! देश को आजाद कराने का महान क्रांतिकारियों का संकल्प, सरदार पटेल का सैंकड़ों रियासतों को भारत में मिलाने का संकल्प, महाभारत के भीष्म की भीष्म प्रतीज्ञा को आपने महाभारत सीरियल में देखा ही होगा। राम भक्त हनुमान जी का माता सीता का पता लगाने के संकल्प के बारे में हम रामायण में पढ़ते ही रहते हैं। आधुनिक युग में जैन संतो ंके संकल्प प्रसिद्ध हैं, जो नित्य कुछ न कुछ संकल्प लेते हैं। मित्रों ये थोड़ा बहुत उदाहरण मैंने आपको दिये हैं ये बताने के लिए कि संकल्प में बहुत जबरदस्त शक्ति होती हैं,


संकल्प के द्वारा हम बड़े से बड़े कार्य संपन्न कर सकते हैं, वेदों में कहा गया है तन्मे मनः शिवसंकल्पमस्तु अर्थात हमारा मन शिव संकल्पों से युक्त हो, शिव अर्थात शुभ व पवित्र संकल्पों से।


साथियों!! बड़े संकल्प को सीधा पूरा नहीं किया जा सकता, उससे पहले छोटे-छोटे संकल्पों से अपने मन को व इच्छा शक्ति को मजबूत किया जाता है, ठीक वैसे जैसे बड़ी संकल्प रूपी इमारत बनाने के लिए, पहले छोटी-छोटी संकल्प रूपी ईंटों को दीवारों में चिनना पडता है तब जाकर बड़ी संकल्प रूपी इमारत तैयार होती है। 


लेखक-संजय कुमार गर्ग