सकारात्मक सोच कैसे बनाएं?


अपने दोस्तों की सराहना करना, उनसे प्यार करना अच्छा है, लेकिन अपने आसपास देखना और अपने आप से पूछना भी बुद्धिमानी होगी कि ''क्या मैं ऐसे लोगों से घिरा हूं जिनसे मैं प्रभावित होना पसंद करूंगा? मेटाफिजिकल नियम के अनुसार, किसी के साथ समय बिताना आपको उनके समान कंपन और आवृत्ति पर रखता है। इसका मतलब है कि आप अपनी संगत की तरह ही अच्छे या बुरे होते हैं। आपके आसपास ऐसे लोगों का होना जरूरी है, जो सीखने व बढ़ने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। ऐसे लोगों को आकर्षित करने के कुछ खास नियम-
1-उस सभी सकारात्मक लक्षणों और गुणों की सूचि बनाये, जिन्हें आप अपने दोस्तों में देखना चाहते हैं। वह सब कुछ लिखे, जो आप अपने दोस्तों के साथ अपने रिश्तों में अनुभव करना चाहते हैं। इस सूची को कुछ मिनट रोजाना पढ़े।
2-कुछ क्षणों के लिए रोजाना इन सकारात्मक गुणों के विचार अपने मन में रखें, जिन्हें आप आकर्षित करना चाहते हैं। इस तरह की सकारात्मक से घिरे होने की छवियां को पकड़ कर और ऐसे लोगों को अपने जीवन में भेजने के लिए ब्रहमांड का आभारी रहें। यह आपके अवचेतन मन को ऐसे अदभुत संबंधों के विचार से प्रभावित करेगा।
3-कुछ समय के लिए मौन बैठें। स्वयं को प्रतिबिंबित करें और खुद से पूछें कि आप अपने बारे में कैसा महसूस करते हैं? क्या आप खुद की सराहना करते हैं? खुद से प्यार करते हैं? अब आप अपने आसपास देखें और आपको महसूस होगा कि आपके आसपास के लोग हमेशा आपके बारे में आपकी खुद की मान्यताओं को प्रतिबिंबित कर रहे हैं। अगर आप अपने जीवन में अधिक सकारात्मकता आकर्षित करना चाहते हैं, तो खुद से प्यार करें और खुद का सम्मान करें।
4-योग्य मित्रों की प्रशंसा करें। अपने साथ हुई सभी अच्छी चीजों की सराहना करने के लिए कुछ समय रोजाना निकालें। यह मन का नियम है कि जहां भी ध्यान केंद्रित करेंगे। वही जीवन में मजबूत होता जायेगा। अतः प्यार व सकारात्मकता, सफलता व पूर्ति पर ध्यान केंद्रित करें। आप अच्छी जिंदगी के और करीब बढेंगे। 
(हो'ओपोनोपोनो क्षमाशीलता पर आधारित एक प्राचीन जीवन दर्शन)


-संकलन-संजय कुमार गर्ग