संघर्ष अपने आप में प्रेरणा है!


जब हम किसी समस्या या संघर्ष को छोड़कर भागने लगते हैं तो इससे हम कई नई समस्याओं और संघर्षो को आमंत्रित करते हैं और समाधान निकालने के बजाय उसी में गहरे फंसते जाते हैं। जीवन में संघर्ष का बहुत व्यापक प्रभाव है। उत्पत्ति से लेकर जीवन के अंतिम क्षणों तक किसी न किसी तरह मनुष्य संघर्ष करता रहता है। यह संघर्ष प्राकृतिक, परिस्थितिवश या खुद से लक्ष्य प्राप्ति तक हो सकता है। संघर्ष मानव जीवन का वह पर्याय है जो कष्टदायी होने के बावजूद भी उददेश्य प्राप्ति के लिए आवश्यक होता है। इसके द्वारा व्यक्ति अपनी परिस्थितियों को अपने लक्ष्य के मुताबिक पलट सकता है। किसी भी सफल व्यक्ति के जीवन की राह में एक चीज सामान्य रूप से पायी जाती है, वह है 'संघर्ष'। संघर्ष व्यक्ति को अपने अंदर प्रौढ़ता और परिपक्वता विकसित करने में सबसे अहम भूमिका निभाता है। इसके द्वारा व्यक्ति के अंदर इच्छा शक्ति बलवान होती है। यह व्यक्ति को प्रतिकूल परिस्थितियों में भी अपने विश्वास और संकल्प को दृढ़ता से संजोए रखने की मानसिक अवस्था भी प्रदान करता है।
संघर्ष अपने आप में खुद प्रेरणा है। व्यक्ति जब अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए या परिस्थितियों से संघर्ष कर रहा होता है तो उसके अंदर प्रतिकूल अवस्था में विचलित न होने, जीवन की प्रत्येक बाधाओं और कठिनाइयों से स्वतः लड़ने की मानसिक स्फूर्ति और ऊर्जा आ जाती है, जो नकारात्मता को व्यक्ति के पास भी नहीं फटकने देती और व्यक्ति संकल्पित होकर लक्ष्य-प्राप्ति के लिए प्रतिबद्ध हो जाता है। संघर्ष के वक्त हमें अपने अंदर आंतरिक शांति को बनाए रखना सबसे बड़ी चुनौती होती है, पर हमें पूर्ण निष्ठा से ध्यान को लक्ष्य की तरफ रखते हुए प्रयास और परिश्रम करते रहना चाहिए। कठिनाइयों में भी हमें अपने भीतर आशा की किरण को जगाए रखना आवश्यक है, जिससे तमाम मानसिक अवरोधों से पार पाया जा सकता है।
वास्तव में जीवन के प्रत्येक क्षण हमारे अनुकूल नहीं होते और न ही सबके लिए संसाधन पर्याप्त होते हैं, हमें संघर्ष का रास्ता चुनकर अपने उददेश्यों को पाना होता है। यही सफलता का एक मात्र स्थायी मार्ग होता है। इस प्रकार मनुष्य जीवन में जिंदगी का दूसरा रास्ता संघर्ष ही है।