जीवन और कठिनाइयां एक सिक्के के दो पहलू!

उन्हें हमेशा लगता था कि वह जब भी उन्नति के पथ पर अग्रसर होने लगते हैं, उनके समक्ष कोई न कोई कठिनाई आकार खड़ी हो जाती है, जबकि बाकी लोगों को दिखता था कि वे उस कठिनाई का सामना करने की बजाय घबराकर भाग खड़े होते हैं। पुरूषार्थी तो कठिनाईयों से घबराने की बजाय उनका स्वागत करता है, क्योंकि वह जानता है कि कठिनाइयां जीवन रूपी पाठशाला का एक आवश्यक अध्याय हैं। ईसीजी के बारे में अक्सर कहा जाता है कि उसमें उतार-चढ़ाव जरूरी हैं, वे ही जीवन की निशानी हैं, क्योंकि वहां सीधी रेखा का अर्थ है मौत। जीवन में भी उतार-चढ़ाव की भूमिका यही होती है। महाराणा प्रताप का जीवन निरंतर कठिनाइयां से युद्ध करने वाले साहसी व्यक्तित्व का उदाहरण है। दिहाड़ी मजदूर मां-बाप के यहां जन्मी मैडम सीजे वाॅकर 20 वर्ष की आयु तक लोगों के घर कपड़े धोकर कठिनाइयों भरे जीवन से मुकाबला करते हुए अंत में पहली अफ्रीकी-अमेरिकी अरबपति महिला बनी। वास्तव में, उन्नति का मूल्य और रास्ता एक ही है- कठिनाई। व्यक्ति सदैव कठिनाईयों से शिक्षा लेकर ही उन्नति की राह पर चलते हुए परीक्षा उत्तीर्ण कर लेता है, तो फिर उसके जीवन में सफलता आने में कोई देरी नहीं लगाती। जो व्यक्ति जिस वस्तु का मूल्य चुकाने का पूरा दम रखता होता है, वह वस्तु भी उसी की होती है। कठिनाई आ जाने पर अपना पूरा आत्मबल लगाकर आगे बढ़ने का प्रयत्न कीजिए, आपका आत्मबल और पौरष के सामने कठिनाइयां टिकेंगी ही नहीं, साथ ही नैतिक शक्ति की भी उन्नति होगी।