अंकुरित भोजन रोगनाशक है!


शाकाहार का पूरा-पूरा लाभ हमें तभी मिल सकता है जब हम अपने भोजन को कम से कम पकने दें या फिर उन्हें उबाल कर खायें। जरूरत से ज्यादा देर तक पकाने से व्यंजन स्वादिष्ट जरूर पकता है किन्तु उनके प्राकृतिक गुण नष्ट हो जाते हैं। समय एवं ईंधन की बर्बादी अलग होती है।
अधिकांश कन्दमूल, फल एवं साग हम कच्चे खाते हैं। पत्ता गोभी, ककड़ी, गाजर, मूली और प्याज से बनाए जाने वाला सलाद शरीर में पौष्टिक तत्वों की पूर्ति करता है। अंकुरित अन्न केवल स्वास्थ्यवर्धक ही नहीं, बल्कि रोगनाशक सजीव भोजन है। अंकुरित, अन्न खाने से रोगों की संभावनाएं काफी कम होती हैं और मनुष्य स्वस्थ जीवन जीते हुए दीर्घायु प्राप्त करता है।
अंकुरित अन्न बनाने की विधि-देशी चना, साबुत मूंग, लोबिया या मटर, कच्ची मूंगफली या तिल, गेहूं या सोयबीन आदि अन्नों को शीत एवं ग्रीष्म मौसम में निम्न प्रकार से अंकुरित कर सकते हैं। जिन अन्नों को अंकुरित कर सकते हैं। जिन अन्नों को अंकुरित अन्न बनाना है उन्हें प्रातः पानी में भिगोकर ढक कर रख दें। शाम को पानी से निकाल कर उस अन्न को किसी बंद डिब्बे में या फिर मोटे कपड़े की पोटली में बांधकर रख दें। अगले दिन अन्न खाने के लिए तैयार मिलेगा।
खाने की विधियां- आइये अब थोड़ी चर्चा अंकुरित अन्न को अन्य चीजों के साथ मिलाकर कैसे खायें-
सादा पानी और अंकुरित अन्न
शहद और अंकुरित अन्न
सेंधा नमक और अंकुरित अन्न
गुड़ और अंकुरित अन्न
कच्ची खांड और अंकुरित अन्न
फल और अंकुरित अन्न
सलाद और अंकुरित अन्न
मट्ठा और अंकुरित अन्न
सब्जियों के जूस अथवा सूप के साथ अंकुरित अन्न
कढ़ी और अंकुरित अन्न
केला और अंकुरित अन्न
हल्की भाप में अंकुरित अन्न
बेल गिरी और अंकुरित अन्न
आम और अंकुरित अन्न
पपीता और अंकुरित अन्न
अंकुरित अन्न में पौष्टिक तत्व पूर्ववत रहते हैं। यही वजह है कि अंकुरित अन्न को सेवन करने वाले जीने के लिए खाते हैं न कि खाने के लिए जीते हैं। अतः अच्छा यही होगा कि हम आहार में अंकुरित अन्न के सेवन की आदत डाले। फास्ट फूड की आदत छुड़ाएं, क्योंकि फास्ट फूड से मोटापा बढ़ता है।
 (संकलन-संजय कुमार गर्ग)